जिंदगी जीने का जज़्बा जिंदगी से जानिये, जिंदगी भर जिंदगी जी-जान से जी लीजिये | किसको अपना, किसको पराया जानिये, पल में बिछड़ें सारे, बेगानों को अपना लीजिये | जिंदगी भर जिंदगी जी-जान से जी लीजिये... क्या खोया, क्या पाया, जो मिला अपना जानिये, जो खोया वो सपना था, आपने को अपना लीजिये | जिंदगी भर जिंदगी जी-जान से जी लीजिये... पथ की जटिलताओं में, मीठी यादों को दिल रख जानिये, ग़मों की वारिश में, हौसलों का छाता बुलन्द कर लीजिये | जिंदगी भर जिंदगी जी-जान से जी लीजिये... जिंदगी जीने का जज़्बा जिंदगी से जानिये, जिंदगी भर जिंदगी जी-जान से जी लीजिये |
मेरे दिल की आवाज़ हो तुम | इश्क़-ऐ-साज़ का राग हो तुम, दिल के अल्फ़ाज़ों का जिक्र हो तुम | हर इक पल में समाई फ़िक्र हो तुम, दिल की गहराई का राज़ हो तुम || मेरे दिल की आवाज़ हो तुम ... हर अरमान का ख़्याल हो तुम, जो गुजरे हर एक साल हो तुम | हर पल की मुलाकात हो तुम, मेरी रचनाओं में बसी बात हो तुम || मेरे दिल की आवाज़ हो तुम ... मैं तुम्हारी और मेरी पहचान हो तुम, दिल में बसा हर अरमान हो तुम | आँखों से झलकती बरसात हो तुम, होंठों की अनकही बात हो तुम || मेरे दिल की आवाज़ हो तुम ... मेरे आईने की सूरत हो तुम, दिल में इकलौती मूरत हो तुम | मेरा ग़ुरूर, मेरी औक़ात हो तुम, ख़ुदा से मिली सौग़ात हो तुम || मेरे दिल की आवाज़ हो तुम ... जीवन में मीठा साज़ हो तुम, जीवन नैया की पतवार हो तुम | जीवन की अन्तिम सांस हो तुम, मेरी मुस्कान का राज़ हो तुम || मेरे दिल की आवाज़ हो तुम ...